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  • माँ भद्रकाली मंदिर परिसर ईटखोरी, चतरा (झारखण्ड)

संदेश

सुनील कुमार सिंह

सांसद, झारखण्ड सरकार

यह मेरे लिए अत्यंत हर्ष एवं गर्व का विषय है कि जिला प्रशासन, चतरा द्वारा “राजकीय ईटखोरी महोत्सव – 2024” का आयोजन किया जा रहा है। माँ भद्रकाली मंदिर परिसर में राजकीय ईटखोरी महोत्सव का आयोजन चतरा के लिए एक अविस्मरणीय क्षण है, जो इस क्षेत्र के विकास में मील का पत्थर साबित हो रहा है।

उपनिषद का यह अमर संदेश है “सत्यं वद, धर्मं चर! धर्माचरण कर सत्य के साक्षात्कार हेतु हमारे यहाँ नाना मतों-पंथों-संप्रदायों का सृजन हुआ और इनमें से प्रत्येक ने अपने विशिष्ट अनुभव के अनुरूप विविध धर्मपीठों को स्थापित किया । ‘एकं सद्विप्रा बहुधा वदन्ति’ यह हमारा सनातन उद्घोष है। इटखोरी इसका ज्वलंत उदाहरण है जहाँ – शैव-शाक्त- वैष्णव- जैन और बौद्ध मतों का अनूठा संगम हुआ है। माँ भ्रदकाली मंदिर, भगवान गौतम बुद्ध की तपो यात्रा के पड़ाव एवं जैन धर्म के दसवें तीर्थंकर भगवान शीतलनाथ स्वामी की जन्मभूमि के रूप में यह एक ऐतिहासिक स्थल हैं। –

दिनांक 19, 20 एवं 21 फरवरी को होने वाले कार्यक्रम से ईटखोरी समेत सम्पूर्ण जिले की पौराणिक पहचान को एक नया आयाम मिल रहा हैं। चतरा जिला ऐतिहासिक प्राचीन सभ्यता एवं सांस्कृतिक दृष्टिकोण से अत्यंत धनी है। ईटखोरी प्रखण्ड में भदुली (भद्रकाली) झारखण्ड का एक प्रमुख तीर्थ स्थल है। इसका नामकरण बौद्धकालीन है जो “इति खोई” का बदला हुआ रूप है। महोत्सव आयोजन से देश के सुदूरवर्ती क्षेत्रों से आये हुए लोगों को चतरा में पर्यटन, उद्योग व रोजगार की संभावनाओं को जानने व यहाँ के समृद्ध इतिहास को अनुभव करने का अवसर मिलेगा।

मैं “राजकीय ईटखोरी महोत्सव-2024” के सफल आयोजन एवं इस अवसर पर प्रकाशित की जा रही सचित्र पर्यटन पुस्तिका (Coffee Table Book) के प्रकाशन हेतु जिला प्रशासन, चतरा एवं महोत्सव आयोजन से जुड़े हुये सभी लोगों को शुभकामनाएँ देता हूँ।