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  • माँ भद्रकाली मंदिर परिसर ईटखोरी, चतरा (झारखण्ड)

संदेश

माननीय श्री रमेश बैस 

राज्यपाल, झारखण्ड

यह अत्यन्त प्रसन्नता का विषय है कि सनातन, बौद्ध एवं जैन धर्म के पवित्र संगम स्थल इटखोरी में दिनांक 19 फरवरी, 2023 से 21 फरवरी, 2023 तक राजकीय इटखोरी महोत्सव – 2023 का आयोजन हो रहा है तथा इस उपलक्ष्य पर जिला प्रशासन द्वारा सचित्र पर्यटन पुस्तिका जा रहा है | प्रकृति की गोद में स्थित इटखोरी का वैभवशाली इतिहास माँ भद्रकाली, भगवान गौतम बुद्ध की तपो यात्रा पड़ाव एवं जैन धर्म के दसवें तीर्थंकर भगवान शीतलना थ स्वामी की जन्मभूमि के रूप में प्रसिद्ध है। यह स्थल अद्वितीय एकीकृत सहस्र शिवलिंग के लिए भी विख्यात है। आशा है कि यह महोत्सव आगंतुक श्रद्धालुओं को इस क्षेत्र की प्राचीन सभ्यता व संस्कृति से अवगत कराने में सहायक सिद्ध होगा और अधिक से अधिक श्रद्धालु यहाँ आने के लिए आकर्षित होंगे। मैं राजकीय इटखोरी महोत्व – 2023 के सफल आयोजन तथा सचित्र पर्यटन पुस्तिका

हेमंत सोरेन

मुख्यमंत्री, झारखण्ड सरकार

मुझे यह जानकर प्रसन्नता हो रही है कि सनातन बौद्ध एवं जैन धर्म के संगम स्थल इटखो री में 19 से 21 फरवरी, 2023 तक ‘‘राजकीय इटखोरी महोत्सव-2023’’ का आयोजन किया जा रहा है एवं इस अवसर पर जिला प्रशासन ‘‘सचित्र पर्यटन पुस्तिका’’ ठववाद्ध का भी प्रकाशन करने जा रहा है। प्रकृति की गोद में बसे चतरा जिला का वैभवशाली इतिहास माँ भद्रकाली धाम, भगवान गौतम बुद्ध की तपस्या यात्रा के पड़ाव व जैन धर्म के दसवें तीर्थंकर भगवान शीतलनाथ स्वामी की जन्म भूमि के रूप में प्रसिद्ध है। मुझे पूर्ण विश्वास है कि यह महोत्सव झारखण्ड एवं अन्य राज्यों से आने वाले आगंतुकों को इस क्षेत्र की प्राचीन सभ्यता व संस्कृति से अवगत कराने में सहायक सिद्ध होगा। इससे चतरा में पर्यटन के विकास के साथ-साथ रोजगार के नए द्व ार भी खुलेंगे। मैं ‘‘राजकीय इटखोरी महोत्सव-2023’’ के सफल आयोजन एवं इस अवसर पर प्रकाशित की जा रही ‘‘सचित्र पर्यटन पुस्तिका’’ के लिए आपको शुभकामनाएँ पे्रषित करता हूँ।

सत्यानंद भोक्ता

श्रम नियोजन प्रशिक्षण एवं कौशल विकास विभाग,
झारखण्ड सरकार

चतरा जिला अन्तर्गत सनातन, जैन एवं बौद्ध धर्म के संगम स्थल इटखोरी में राजकीय इटखोरी महोत्सव – 2023 का आयोजन निश्चित रूप से श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों में उत्साह एवं उमंग को भरता है। इस महोत्सव का आयोजन पर्यटन विकास एवं तद्नुरूप स्थानीय व्यक्तियों के नियोजन को प्रश्रय देता है। मंदिर परिसर में अवस्थित 18वीं शताब्दी के पराुतात्विक अवशेषों पर आधारित झारखण्ड राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी अत्याधुनिक संग्रहालय का निर्माण निश्चित रूप से पर्यटकों को आकर्षित करने एवं स्थानीय व्यक्तियों के नियोजन में सहायक होगा। वर्तमान सरकार का अथक प्रयास निश्चित रूप से माँ भद्रकाली मंदिर परिसर, इटखोरी एवं चतरा जिले के समग्र विकास का एक अनुठा उदाहरण राज्य के समक्ष प्रस्तुत करता है। ‘‘काॅफी टेबल बुक’’ के रूप में प्रस्तुत स्मारिका का प्रकाशन आवश्यक रूप से आम जन मानस, पर्यटकों तथा राज्य एवं देश के नागरिकों के लिए उपयोगी एवं आकर्षक होगा। नव वर्ष की बधाइयों के साथ धन्यवाद।

हफीजुल हसन

अल्पसंख्यक कल्याण विभाग, निबंधन विभाग तथा पर्यटन, कला संस्कृति, खेल – कूद एवं युवा कार्य विभाग,
झारखण्ड सरकार

यह जानकर मुझ अपार हर्ष एवं गर्व की अनुभूति हो रही है कि प्रकृति की अद्भुत विरासत ‘चतरा’ की पावन भूमि जहाँ विभिन्न धर्मों का उत्कृष्ठ समागम है तथा जहाँ की संस्कृति
अद्भुत भारतीय वांग्मय का प्रदर्शन करती है वहाँ 19 फरवरी 2023 से 21 फरवरी 2023 तक राजकीय इटखोरी महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। चतरा जिला का गौरवमयी इतिहास रहा है। सनातन परंपरा, बौद्धमत, जैनमत, सहित सभी सांस्कृतिक-धार्मिक इतिहास को परिलक्षित करने वाला यह वैभवशाली स्थल है।
चतरा में दुआरी, खैवा-बनारू, केरीदही, मालुदह, तमासिन, डूमैर-सुमैर एवं गोवा इत्यादि कई
स्थल हैं जहाँ पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। इटखोरी प्रखण्ड में भदुली (भद्रकाली) झारखण्ड
का एक प्रमुख तीर्थ स्थल है। इसका नामकरण बौद्धकालीन है जो ‘‘इति खोई’’ का बदला
हुआ रूप है। चतरा जिला में पर्यटन के साथ-साथ आस्था के भी कई केन्द्र हैं जिसमें भद्रकाली
मंदिर, माँ कौलेश्वरी धाम, चुन्दुरू धाम, भवानी मठ, केदली का गुýद्वारा एवं बरूरा शरीफ जैसे
सांस्कृतिक स्थल प्रमुख है। मुझे विश्वास है कि यह महोत्सव चतरा जिला के कला-कौशल,
मूर्तिकला एवं बहुआयामी संस्कृति केा पल्लवित एवं पुष्पित होने में महत्वपूर्ण योगदान देगा, साथ
पर प्रदर्शित करेगा।
जिला प्रशासन द्वारा इस अवसर पर सचित्र पर्यटन पुस्तिका का प्रकाशन
किया जा रहा है, जो सराहनीय है। महोत्सव के सफल आयोजन व पुस्तिका के प्रकाशन हेतु
मेरी अशेष शुभकामनाएँ। 

सुनील कुमार सिंह

सांसद, झारखण्ड सरकार

यह मेरे लिए अत्यंत हर्ष एवं गर्व का विषय है कि जिला प्रशासन, चतरा द्वारा ‘‘राजकीय इटखोरी महोत्सव-2023’’ का आयोजन किया जा रहा है। माँ भद्रकाली परिसर में राजकीय इटखोरी महोत्सव का आयोजन चतरा के लिए एक अविस्मरणीय क्षण है, जो इस क्षेत्र के विकास में मील का पत्थर साबित हो रहा है। उपनिषद का यह अमर संदेश है – ‘‘सत्यं वद, धर्मं चर! धर्माचरण कर सत्य के साक्षात्कार हेतु हमारे यहाँ नाना मतों-पंथों-संप्रदायों का सृजन हुआ और इनमें से प्रत्येकने अपने विशिष्ट अनुभव के अनुरूप विविध धर्मपीठों को स्थापित किया। ‘एकं सद्विपा बहुधा वदन्ति’- यह हमारा सनातन उद्घोष है। इटखोरी इसका ज्वलंत उदाहरण है जहाँ शैव-शाक्त-वैष्णव-जैन और बौद्ध मतों का अनूठा संगम हुआ है। माँ भद्रकाली मंदिर, भगवान गौतम बुद्ध की तपो यात्रा के पड़ाव एवं जैन धर्म के दसवें तीर्थकर भगवान शीतलनाथ स्वामी की जन्मभूमि के रूप में यह एक ऐतिहासिक स्थल हैं।
दिनाक 19, 20, एवं 21 फरवरी को होने वाले कार्यक्रम से इटखोरी समेत सम्पूण जिले की पौराण्
िाक पहचान को एक नया आयाम मिल रहा है। चतरा जिला ऐतिहासिक प्राचीन सभ्यता एवं सांस्कृ.
तिक दृष्टिकोण से अत्यंत धनी है। इटखोरी प्रखण्ड में भदुली (भद्रकाली) झारखण्ड का एक प्रमुख
तीर्थ स्थल है। इसका नाकमरण बौद्धकालीन है जो ‘‘इति खोई’’ का बदला हुआ रूप है। महोत्सव
आयोजन से देश के सुदूरवती्र क्षेत्रों से आये हुए लोगों को चतरा में पर्यटन, उद्योग व रोजगार की
संभावनाओं को जानने व यहाँ के समृद्ध इतिहास को अनुभव करने का अवसर मिलेगा।
मैं ‘‘राजकीय इटखोरी महोत्सव-2023’’ के सफल आयोजन एवं इस अवसर पर प्रकाशित की जा
रही सचित्र पर्यटन पुस्तिका के प्रकाशन हेतु जिला प्रशासन, चतरा एवं महोत्सव से जुड़े हुए सभी लोगों को शुभकामनाएँ देता हूँ।
दिनांक: 31 जनवरी 2023
शुभेच्छु                                                                      (सुनील कुमार सिंह)

किशुन कुमार दास

सदस्य, झारखण्ड विधान सभा 26, सिमरिया सदस्य , शून्य काल समिति

यह अत्यन्त गौरव का विषय है कि, वर्ष 2015 से जिला प्रशासन चतरा के प्रशंसनीय पहल से राजकीय इटखोरी महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। विगत दो वर्षों से वैश्विक महामारी कोरोना के कारण यह आयोजन प्रतिकात्मक रूप से मनाया गया। माँ भद्रकाली की असीम कृपा से इस वर्ष पुनः वृहद रूप से राजकीय महोत्सव का आयोजन होने जा रहा है। आयोजन स्थल माँ भद्रकाली मंदिर परिसर तथागत गौतम बुद्ध की तपोभूमि, जैन धर्म गुý स्वामी शीतलनाथ की कर्म भूमि एवं माँ भद्रकाली की पावन स्थली है। यानि तीनों धर्मों का संगम है। ऐसी पावन भूमि पर महोत्सव का आयोजन सामाजिक सौहार्द एवं धार्मिक एकजुटता का परिचायक है। राजकीय महोत्सव के आयोजन से न केवल इटखोरी अपितु संपूर्ण चतरा जिला में पर्यटन की संभावनाओं को बल मिलेगा। दिनांक 19, 20, एवं 21 फरवरी 2023 को होने वाले इस कार्यक्रम में राज्य, देश एवं विदेश से आने वाले आगंतुकों से इस क्षेत्र की पहचान राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर होगी। इस अवसर पर सचित्र पर्यटन पुस्तिकका का प्रकाशन किया जाना एक प्रशंसनीय पहल है। मैं जिला प्रशासन, चतरा को अपनी ओर से सफल प्रकाशन हेतु शुभकामनाएं देता हूँ।

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माँ भद्रकाली मंदिर परिसर
ईटखोरी,
चतरा (झारखण्ड)

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