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  • माँ भद्रकाली मंदिर परिसर ईटखोरी, चतरा (झारखण्ड)

संदेश

हफीजुल हसन

अल्पसंख्यक कल्याण विभाग, निबंधन विभाग तथा पर्यटन, कला संस्कृति, खेल – कूद एवं युवा कार्य विभाग,
झारखण्ड सरकार

यह जानकर मुझे अपार हर्ष एवं गर्व की अनुभूति हो रही है कि प्राकृति की अद्भुत विरासत चतरा की पावन भूमि जहाँ विभिन्न धर्मों का उत्कृष्ठ समागम है तथा जहाँ की संस्कृति अद्भुत भारतीय वांग्मय का प्रदर्शन करती है वहाँ 19 फरवरी 2024 से 21 फरवरी 2024 तक राजकीय इटखोरी महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। चतरा जिला का गौरवमयी इतिहास रहा है। सनातन परंपरा, बौद्धमत, जैनमत सहित सभी संस्कृतिक-धार्मिक इतिहास को परिलक्षित करने वाला यह वैभवशाली स्थल है।

चतरा में दुआरी, खैवा-बनारू, केरीदही, मालुदह, तमासिन, डूमैर-सुमैर एवं गोवा इत्यादि कई स्थल हैं जहाँ पर्यटन की अपार संभावनाएँ हैं। ईटखोरी प्रखण्ड में भदुली (भद्रकाली) झारखण्ड का एक प्रमुख तीर्थ स्थल है। इसका नामकरण बौद्धकालीन है जो “इति खोई” का बदला हुआ रूप है । चतरा जिला में पर्यटन के साथ-साथ आस्था के भी कई केन्द्र हैं जिसमें भद्रकाली मंदिर, माँ कौलेश्वरी धाम, चुन्दुरू धाम, भवानी मठ, केदली का गुरूद्वारा एवं बरूरा शरीफ जैसे सांस्कृतिक स्थल प्रमुख है। मुझे विश्वास है कि यह महोत्सव चतरा जिला के कला-कौशल, मूर्तिकला एवं बहुआयामी संस्कृति को पल्लवित एवं पुष्पित होने में महत्वपूर्ण योगदान देगा, साथ ही विकास के नये आयाम स्थापित करेगा जो झारखण्ड की संस्कृति एवं गौरव को वैश्विक पटल पर प्रदर्शित करेगा ।

जिला प्रशासन द्वारा इस अवसर पर सचित्र पर्यटन पुस्तिका (Coffee Table Book) का प्रकाशन किया जा रहा है, जो सराहनीय है। महोत्सव के सफल आयोजन व पुस्तिका के प्रकाशन हेतु मेरी अशेष शुभकामनाएँ ।